e-Zero FIR क्या है? साइबर फ्रॉड में यह आपके लिए कैसे मददगार है?
e-Zero FIR क्या है? साइबर फ्रॉड में यह आपके लिए कैसे मददगार है?

e-Zero FIR क्या है? साइबर फ्रॉड में यह आपके लिए कैसे मददगार है?

Published on 19 Nov 2025

👤 Written by Ramesh Rathod

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e-Zero FIR क्या है? साइबर फ्रॉड में यह आपके लिए कैसे मददगार है?

ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में सबसे बड़ी समस्या यह रहती है कि पीड़ित नहीं जानते कि किस थाने में रिपोर्ट करें और किस तरह तुरन्त कार्रवाई शुरू होगी। इसी समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने e-Zero FIR (या e-Zero FIR) शुरू की है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक FIR पद्धति है जो साइबर वित्तीय फ्रॉड की रिपोर्टिंग को तेज करती है और जुरिस्डिक्शन से जुड़ी देरी को हटाती है।

e-Zero FIR क्या है?

e-Zero FIR एक इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दर्ज की गई FIR है — खासकर उन साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में जहाँ रिपोर्ट National Cyber Crime Reporting Portal (NCRP) या हेल्पलाइन 1930 पर की जाती है। जब केस योग्य पाया जाता है, तो सिस्टम स्वतः ही एक Zero FIR जेनरेट कर देता है, भले ही आप किसी भी राज्य में हों। इसका उद्देश्य त्वरित जांच और फंड ट्रेसिंग शुरू कराना है।

इसे कब उपयोग करें?

यदि आपने ऑनलाइन/बैंकिय़ फ्रॉड का शिकार हुआ है।

घटना NCRP पोर्टल (https://www.cybercrime.gov.in
) या हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट की गई हो।

धोखाधड़ी की राशि और केस क्राइटेरिया उस पब्लिकाइज्ड थ्रेशहोल्ड (जैसा कि पायलट के नियमों में है) के अनुरूप हो — वर्तमान में बड़े मामलों के लिए प्राथमिक लाभ मिलता है।

e-Zero FIR दर्ज करने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया

सबूत इकट्ठा करें: ट्रांजैक्शन स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, स्क्रीनशॉट, व्हाट्सएप/ईमेल/फोन कॉल रिकॉर्ड, और किसी भी प्रकार का संवाद-सबूत रखें।

NCRP पोर्टल या 1930 पर रिपोर्ट करें: पोर्टल पर घटना की पूरी डिटेल भरें। जितना स्पष्ट और सबूत के साथ विवरण होगा, उतना बेहतर।

Zero FIR जेनरेट हो जाना: पात्रता मिलने पर सिस्टम स्वतः e-Zero FIR बना देता है — अक्सर इसे निर्धारित साइबर थाने में रजिस्टर किया जाता है।

3 दिनों में नजदीकी साइबर थाने में जाएं: Zero FIR बनने के बाद आपको अपने स्थानीय/टेरेटोरियल साइबर पुलिस स्टेशन में जाकर इसे नियमित FIR में कन्वर्ट कराना होगा — यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।

जांच और फॉलो-अप: FIR के बाद पुलिस जांच शुरू करेगी; बैंक और प्लेटफॉर्म से ट्रेसिंग, ट्रांज़ैक्शन हैंडलिंग और संभावित फंड रिकवरी के लिए कॉर्डिनेशन किया जाएगा।

आपके लिए क्या लाभ हैं?

जल्दी शुरुआत: शिकायत के तुरंत बाद ही प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे ट्रेसिंग के अवसर बढ़ते हैं।

जुरिस्डिक्शन की दिक्कत खत्म: पीड़ित को यह तय करने की जरूरत नहीं कि किस राज्य का थाना मामलों को संभालेगा।

बड़े मामलों में त्वरित प्राथमिकता: उच्च-मूल्य वाले साइबर फ्रॉड मामलों में तेज़ रिक्ति और समन्वय मिलता है।

जरूरी ध्यान रखने वाली बातें

यह पहल पायलट चरण में है और धीरे-धीरे स्केल की जा सकती है।

यदि आप 3 दिनों के भीतर संबंधित थाने नहीं जाते हैं, तो e-Zero FIR के कन्वर्ज़न में जटिलताएँ आ सकती हैं।

जितनी जल्दी आप रिपोर्ट करेंगे और जितना व्यवस्थित सबूत देंगे, उतनी संभावना बेहतर होगी कि धन की ट्रेसिंग और रिकवरी में सफलता मिले।
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